Wednesday, June 12, 2019

मईया भईली निर्मोही।

कवने जनमवा के पाप हो, मईया भईली निर्मोही।
निर्मोही भईली मईया नेहिया भुलवली
छिनली अँचरवा के छाँव हो, मईया भईली निर्मोही।

अंडा जब फुट गइल चिरईं विमुख भईल,
पाँखी जामे जामे ताले खोंतवा भी छूट गईल।
दुनिया के नजर बनल गिद्ध के नजरिया,
चिरईं के ठाँव मिलल काशी के नगरिया।

शिवजी करीहें बेरा पार हो, मईया भईली निर्मोही।

माई के पियार खातिर मन जब तरसे,
नयना से झिहिर झिहिर लोर तब बरसे।
काठ के करेजा तोहर होअल माई काहे,
फेंक दिहलु हमरा के विपदा के राहे।

सुन भईल हमर संसार हो, मईया भईली निर्मोही।


रेगनी के काँट भरल जिंदगी के रहिया,
सगरो अन्हार लउके दिन होई कहिया।
सहले सहात नइखे पीरा हई भारी,
केनहु से चल अईतू देवी महतारी।

छोड़ दिहली कवने मझधार हो, मईया भईली निर्मोही।


Tuesday, September 4, 2018

अइह ये राजा जानी, करी न नादानी

जियरा के खुनवा से लिखा तानी पतिया
तनिको न कुछ हु सुझात बा।
अइह ये राजा जानी, करी न नादानी
दिलवा के बुझीं परेशानी।
अइह ये राजा जानी....

गजरा चमेलिया में, माथ के टिकुलिया में
सगरो बा प्रेम के निशानी।
आई जाईं जानी ये जानी धरी राजधानी
बुझत नइखे प्रेम के पियास बा।

पूनम किरनिया में, भरली जवनिया में
पुरबा करेला छेड़खानी।
अइह ये दिलवर जानी छोड़ी तू शहरिया
खेतवा रोअत खरिहान बा।

बिरहा के रतिया में हुक उठे छतिया में
सुखत बाटे लोरवा के पानी
चली आईं हम्मर धानी करके प्लानिंग
सनेहिया के फूल मुरझात बा।

भोर भिनसरिया में, रात के अन्हरिया में
जोबना करेला मनमानी।
भागी अइतीं बलम जानी छोड़ के नोकरिया
जवानी के धनवा दहात बा।

अइह ये राजा जानी मनवा उदास बा
दिलवा के बुझी परेशानी।
अइह ये ....
---पंकज द्विवेदी

Monday, September 3, 2018

का करीं हम चमन में त जाके सनम....

का करीं हम चमन में त जाके सनम
जब चमन के खजाना तू साथे बाड़ू।
चाँद सूरज होइ जाइ इधर से उधर
हमर दिलवा तोहार ई तोहरे रही।
का करीं हम चमन में त जाके सनम....

देखी के तोहरा दर्पण लजाये लगे
चाल हिरनी के जब लड़खड़ाये लगे।
अब मुहब्बत से हमरा जमाना ख़फा
देखी हमनी के जोड़ी त जरबे करी।
का करीं हम चमन में त जाके सनम....

ओने कारी घटा के जे बरसात हो
रतिया पूनम चनरमा के जब बात हो।
छतिया धड़की हमार तब ई चारो पहर
दर्द ए दिल के दवाई देवे के पड़ी ।
का करीं हम चमन में त जाके सनम..

संझिया गईया चिड़इयाँ घरे आ गइल
चाँद ले के किरनिया सँगे आ गइल।
रतिया महके लागल मनवा बहके लागल
अब तोहरे सपनवा त अइबे करी।
का करीं हम चमन में जाके सनम....

हम पे तोहरे पिरीतिया के छुरी चले
तबो एक पल जुदाई भी दूरी लगे।
चाहे दिल के सुगनवा ई छटपट करे
नामे तोहरे हमार जिंदगानी रही।
का करीं हम चमन में त जाके सनम.....

---पंकज द्विवेदी

Friday, August 31, 2018

हम तोहार रहीं तू हमार रह

हम तोहार रहीं तू हमार रहा
मिलके जिनगी में प्रेमरस घोरल जाई।

चिरंई चहकत रही फूल महकत रही
लाल होठवा से लाली भी टपकत रही।
तू हमार रहा हम तोहार...

जिंदगी के डगरिया पर जिंदगी चली
कबो लचका मिली कबो हचका मिली,
रात हमनी के रहिया में कबहुँ न हो
जिंदगी में त सगरो अंजोरा रही।

तू हमार रहा हम तोहार रहीं...

प्रेम के फल हमनी का मिलवे करी
चाहे दौड़त चलीं चाहे धीरे चलीं,
घटा कड़कत रहे मेघ बरसत रहे
एक दूजे के हमनी सहारा रहीं।

तू हमार रहा हम तोहार रहीं...

साथ चलते रही प्रेम पलते रही
एगो छोटका मिली एगो छोटकी मिली।
हम मम्मी बनीं तू डैडी बना
संग गंगा आ जमुना के रहबे करी।

घटा कड़कत रहे मेघ बरसत रहे
एक दूजे के हमनी सहारा रहीं।

---पंकज द्विवेदी

रे आइल बा बसंती बहार

बगिया बिरिछिया में कोइली कुहुके लागल
सगरो बसन्ती बहार।
कुसुमी के फूल रंग गोरी के ओढनिया
की दिलवा पर फहरे हमार।

खेत के सिवनवा पर गावे रे बटोहिया
की तान छेड़े  पुरवा बयार।
गोरिया के देहिया से अइसे गमक उठे
की रहिया भइल कचनार।

सोनरी चिरइयाँ चहके अँगना दुअरिया पर
चँहु ओरीआ भइल गुलज़ार।
गोरिया के बोली जइसे बाजे रे बँसुरिया
की दिलवा में उठे झनकार।

चिरंई फँसावे केनहु रे निकले बहेलिया
दाना देखी त भइल सुगना लचार।
गोरी के कमर लचके जइसे रे धनुहिया
की मोर दिलवा भइल बा शिकार।

मनवा विभोर भइल फ़ागुन महिनवा में
हमपर कई दिहली गोरी उपकार।
की गोरिया के भागे आज जिनगी में हमरा
रे आइल बा बसंती बहार।
                                                                                  ---पंकज द्विवेदी

ये डार्लिंग लेबु का हमरो तू जान

दिल के भीतरिया में कोठरी बनाइके
मन के महलिया में ख्वाब सजाइके
कर दिहलु हमके जियान ये डार्लिंग
लेबु का हमरो तू जान। ये डार्लिंग लेबु...

चम्पा के फुलवा के केस में गजरवा
पीअ के मताईल जाला तोहरो भँवरवा।
खेतवा के अरिया में, रात के अँजोरिया में
पुरवा सुनावे लागल तान। ये डार्लिंग लेबु...

हमके धरवलु गोरी प्यार के बीमारी
अँखिया से नींद उड़ल, मनवा बा भारी
वैधा के बुझाई ना, ओझा से झड़ाई ना
करा तुहीं कवनो निदान। ये डार्लिंग लेबु...

सुनी सुनी अँखिया में सपना सजवलू
गंगाजी के पनिया से किरिया खिअवलू।
मंगिया सजावे ला, अपना बनावे ला
मन के मयूरा परेशान। ये डार्लिंग लेबु....
--Pankaj Dwivedi

डीजे पर ठुमका लगाई देली रे देख गोरकी गुजरिया

डीजे पर ठुमका लगाई देली रे देख गोरकी गुजरिया।

पार्लर से अइली ह सज के सँवर के
कमर नचावेली स्टेज पर चढ़ के
हवा में ओढ़नी उड़ाये देली हो देख गोरकी गुजरिया।

कारी कारी चश्मा आ होठवन के लाली
सानिया के नथुनि, करीना के बाली
पार्टी में बिजुरी गिराये देली रे देख गोरकी गुजरिया।

अभी बाड़ी बबी ई भउजी कुँवारी
एप्पल के आई फोन आ चैट के बीमारी
छवड़न सँग सेल्फी खिंचावेळी हो देख गोरकी गुजरिया।

गूगल आ FB पर फ्रेंड बनाके
लड़िकन से ज्यादा ई बूढ़वन के घुमावे
ट्विटर पर टोला बसाय लेली रे देख चिरमुन चिरइयाँ

गँउआ जवार से न तनिको लजाली
बाबू मतारी से नाही डेराली
यूपी बिहार के हिलाई देली रे देख गोरकी गुजरिया।

डीजे पर ठुमका लगाई देली रे देख गोरकी गुजरिया