कवने जनमवा के पाप हो, मईया भईली निर्मोही।
निर्मोही भईली मईया नेहिया भुलवली
छिनली अँचरवा के छाँव हो, मईया भईली निर्मोही।
अंडा जब फुट गइल चिरईं विमुख भईल,
पाँखी जामे जामे ताले खोंतवा भी छूट गईल।
दुनिया के नजर बनल गिद्ध के नजरिया,
चिरईं के ठाँव मिलल काशी के नगरिया।
शिवजी करीहें बेरा पार हो, मईया भईली निर्मोही।
माई के पियार खातिर मन जब तरसे,
नयना से झिहिर झिहिर लोर तब बरसे।
काठ के करेजा तोहर होअल माई काहे,
फेंक दिहलु हमरा के विपदा के राहे।
सुन भईल हमर संसार हो, मईया भईली निर्मोही।
रेगनी के काँट भरल जिंदगी के रहिया,
सगरो अन्हार लउके दिन होई कहिया।
सहले सहात नइखे पीरा हई भारी,
केनहु से चल अईतू देवी महतारी।
छोड़ दिहली कवने मझधार हो, मईया भईली निर्मोही।